Stop Loss Kaise Lagaye: शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस कैसे लगाते हैं?

आप सभी का India Is Best ब्लॉग में स्वागत है। इस आर्टिकल में हम आपको Stop Loss Kaise Lagaye से संबंधित संपूर्ण जानकारी आज हम आपको विस्तार से बताएंगे। स्टॉप लॉस एक ऐसा तरीका है जो एक निवेशक को तब मदद करता है जब कोई ट्रेड उसकी उम्मीदों के विपरीत जा रहा हो, ताकि वह अपने नुकसान को सीमित कर सकें। अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो आपके मन में जरूर यह सवाल आ रहा होगा की आखिरी Stop Loss Kaise Lagaye तो इस आर्टिकल में स्टॉप लॉस से जुड़े आपके सारे सवालों के जवाब दिए जाएंगे। अतः इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

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Stop Loss Kaise Lagaye
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Stop Loss Kaise Lagaye

स्टॉप लॉस एक ऐसा तरीका है जिसके इस्तेमाल से निवेशक या ट्रेडर अपने नुकसान को कम से कम करते हैं। यह निदेशक को एक विकल्प देता है कि वह किसी शेयर की करंट प्राइस पर उसमें एक संभावित लॉस की लिमिट सेट कर लेते हैं। इसके इस्तेमाल का मुख्य कारण बाजार की अस्थिरता है। क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है, इसलिए आपको जितना हो सकता है उतना ही नुकसान भी हो सकता है और स्टॉप लॉस इसी नुकसान को कम करने का तरीका है।

मान लीजिए आपने कोई शेयर ₹200 में खरीदा है, लेकिन आपको यह भी डर है कि उसमें गिरावट भी आ सकती है, तो आपने यहां अपने ऑर्डर पर 195 रुपए पर स्टॉप लॉस लगा देंगे। इस प्रकार अगर शेयर के दाम 195 रुपए से नीचे गिरता है तो उस स्थिति में आपको कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि आपने उसे 195 रुपए पर बेच चुके हैं। आप इसे केवल गिरावट के दौरान नहीं कीमतों में तेजी आने पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाते हैं?

स्टॉप लॉस ऑर्डर आमतौर पर लॉन्ग पोजीशन के लिए करंट मार्केट प्राइस से नीचे और शार्ट पोजीशन के लिए मार्केट प्राइस से ऊपर लगाए जाते हैं।

स्टॉप लॉस ऑर्डर दो प्रकार के होते हैं –

  1. एसएल ऑर्डर (स्टॉप लॉस लिमिट) = प्राइस + ट्रिगर प्राइस
  2. एसएल-एम ऑर्डर (स्टॉप लॉस मार्केट) = केवल ट्रिगर प्राइस

अब इनमें दो केस हो सकते हैं-

अगर बाय पोजीशन बनाई है तो सेल एसएल मेन्टेन किया जाएगा

जब ₹100 की बाय पोजीशन पर ₹95 का एसएल सेट किया हो-

एसएल ऑर्डर टाइप

सेल एसएल ऑर्डर प्राइस और ट्रिगर प्राइस के साथ रखा जाता है, ट्रिगर प्राइस से अधिक या उसके बराबर होना चाहिए। यह आर्डर टाइप आपको स्टॉक लॉस की एक रेंट सेट करने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए 95 रुपए का ट्रिगर प्राइस और 94.90 रुपए का प्राइस निर्धारित किया जा सकता है, जब ₹95 का ट्रिगर प्राइस पहुंच जाता है, तो एक्सचेंज को एक सेल लिमिट ऑर्डर भेजा जाता है और ₹94.90 से ऊपर की अगली उपलब्ध बोली पर आर्डर को एक्जेक्यूटिव कर दिया जाता है। इस प्रकार एसएल ऑर्डर 95 रुपए (या अधिक) या 94.95 रुपए पर एक्जेक्यूटिव किया जा सकता है, पर 94.90 रुपए से कम पर नहीं किया जा सकता है।

एसएल-एम ऑर्डर टाइप

अगर सेल एसएल-एम का ऑर्डर ₹95 की ट्रिगर प्राइस के साथ दिया जाता है तो जब प्राइस ₹95 तक पहुंच जाएगा, तो एक्सचेंज को सेल मार्केट ऑर्डर भेजा जाएगा और मौजूदा मार्केट प्राइस पर पोजीशन को सेल कर दिया जाएगा।

अगर सेल पोजीशन बनाई है तो बाय एसएल मेन्टेन किया जाएगा

जब ₹100 की सेल पोजीशन पर ₹105 का एसएल सेट किया हो-

एसएल ऑर्डर टाइप

एसएल ऑर्डर टाइप बाय एसएल ऑर्डर प्राइस और ट्रिगर प्राइस के साथ रखा जाता है। ट्रिगर प्राइस प्राइस से कम या उसके बराबर होनी चाहिए। यह आर्डर टाइप आपको स्टॉप लॉस की एक रेंट सेट करने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए 105 रुपए का ट्रिगर प्राइस और ₹105.10 का प्राइस निर्धारित किया जा सकता है, जब 105 रुपए का ट्रिगर प्राइस पहुंच जाता है तो एक्सचेंज को एक बाय लिमिट ऑर्डर भेजा जाता है और ₹105.10 से नीचे अगले उपलब्ध बोली पर आर्डर को एक्जेक्यूटिव कर दिया जाता है। इस प्रकार एसएल ऑर्डर ₹105.05 रुपए या 105 रुपए पर एक्जेक्यूटिव किया जा सकता है पर ₹105.10 से अधिक पर नहीं किया जा सकता है।

एसएल-एम ऑर्डर टाइप

अगर बाय एसएल-एम का ऑर्डर 105 रुपए के ट्रिगर प्राइस के साथ दिया जाता है तो जब प्राइस 105 रुपए तक पहुंच जाएगा, तो एक्सचेंज को एक बाय मार्केट ऑर्डर भेजा जाएगा और मौजूदा मार्केट प्राइस पर पोजीशन को सेल कर दिया जाएगा।

स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?

किसी भी ट्रेडर को ट्रेड लेने से पहले रिस्क तथा रिवॉर्ड की गणना कर लेनी चाहिए। इससे यह ज्ञात हो जाता है कि आपको कितना कमाने के लिए कितना रिस्क लेना पड़ेगा। ट्रेडर का टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडर को बताता है कि उसे कहां पर टार्गेट तथा कहां पर स्टॉप लॉस लगाना है। तो चलिए अब हम आपको समझाने का प्रयास करते हैं कि एक ट्रेडर अपने ट्रेड के दौरान स्टॉप लॉस(Stop Loss) को कैसे लगा सकते हैं। स्टॉप लॉस को लगाने के लिए नीचे दिए गए कुछ बिंदु पर स्टेप बाय स्टेप फॉलो करें-

  • सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (जैसे – जेरोधा, शेयरखान, ओसवाल ट्रेड, मोतीलाल और एंजेल ब्रोकिंग एप आदि) को खोलना होगा।
  • अब आपको अपना पोजीशन टैब को खोलकर खरीदे गए शेयर में एग्जिट टैब पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद एक अलग विंडो खुलकर आ जाएगा, जहां पर आपको स्टॉप लॉस पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद यहां आपको दो वैल्यू को दर्ज करना होगा- पहला ट्रिगर प्राइस तथा दूसरा लिमिट प्राइस।
  • आप जिस कीमत पर अपने स्टॉप लॉस की सूचना स्टॉक एक्सचेंज को भेजना चाहते हैं, वो कीमत ट्रिगर प्राइस में तथा जिस लेवल पर आप स्टॉप लॉस लगाना चाहते हैं, उसे लिमिट प्राइस में दर्ज किया जाता है।
  • ट्रेलिंग स्टॉप लॉस की कंडीशन में स्टॉप लॉस को शेयर की कीमत के साथ बढ़ाया जाता रहता है।
  • स्टॉप लॉस को सेट करने के बाद ट्रेडर खरीदे गए शेयर पर टच कर एग्जिट बटन पर क्लिक कर ट्रेड का टार्गेट सेट कर सकते हैं।

इस प्रकार से आप स्टॉक लॉस को लगाकर अपने नुकसान को कम तथा ट्रेलिंग स्टॉप लॉस को लगाकर अपने लाभ को सुरक्षित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में Stop Loss Kaise Lagaye के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है, जिसे पढ़कर आसानी से आप किसी भी प्लेटफॉर्म पर स्टॉप लॉस को लगा सकते हैं। अगर साझा की गई जानकारी आपको लाभदायक लगती है तो इसे अपने मित्रों को भी साझा करें। साथ ही अपने सुझाव और विस्तार को कमेंट में बताना ना भूलें।

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